Book Title: Path ke Pradip
Author(s): Bhadraguptavijay
Publisher: Vishvakalyan Prakashan Trust Mehsana

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Page 67
________________ - TAGS [ ६४ ] FEAR BLIA प्राप्त इच्छाएँ स्वप्न मे प्रकट होती है। स्वप्न मे तो सच्चा । मनुष्य प्रकट होता है ! वहाँ दम्भ नही चलता । स्वप्नावस्था के अध्ययन से “मै वास्तव मे कैसा हैं", इसका पता लग जाता है। कभी-कभी मनुष्य का भावी भी स्वप्न मे साकार हो जाता है। जो कुछ बुरा है, उसको प्राप्त करने की इच्छा को तीव्र मत बनाओ। धीरे-धीरे उन इच्छाओ का शमन करो। -- OCTom GILA ५६)

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