Book Title: Path ke Pradip
Author(s): Bhadraguptavijay
Publisher: Vishvakalyan Prakashan Trust Mehsana

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Page 57
________________ IANS [ ५२ ] DHAN अच्छा आदमी नहीं मिलता है, यह शिकायत सर्वत्र सुनाई देती है, परन्तु शिकायत करने वाला स्वय अच्छा आदमी बनने की चेष्टा करता है क्या ? बुरे आदमियो को अच्छे आदमियो से अपने स्वार्थ पूर्ण करना है | धर्महीन, गुणहीन श्रीमन्त और सत्ताधारी लोग अच्छे आदमियो की बलि दे रहे है। इसीलिये राष्ट्रीय, सामाजिक और पारिवारिक जीवन-मन्दिर ध्वस्त हो रहे है। Prat. A ... Por . क

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