Book Title: Path ke Pradip
Author(s): Bhadraguptavijay
Publisher: Vishvakalyan Prakashan Trust Mehsana

View full book text
Previous | Next

Page 63
________________ UPM WAY71 HNAS + [ ५६ ] Ve आपकी लडकी कुरूप होगी, खोट वाली होगी, तो क्या कोई उससे शादी करना चाहेगा? वैसे ही धर्मक्रियाएँ यदि सुन्दर नही होगी ......"धर्मक्रिया करने वालों ने उनका सौन्दर्य नष्ट कर दिया होगा, तो क्या दूसरे उन क्रियाओं से प्रेम करेंगे ? जीवन मे उन्हे अपनायेंगे ? क्रिया मे सौन्दर्य चाहिए, मनुष्य को उस क्रिया मे क्षणिक तृप्ति भी चाहिये.... ..... अन्यथा कोई क्रिया क्यो करेगा? M Pos ५२ ]

Loading...

Page Navigation
1 ... 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108