Book Title: Path ke Pradip
Author(s): Bhadraguptavijay
Publisher: Vishvakalyan Prakashan Trust Mehsana

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Page 26
________________ NUARY [ १८ ] बो चीज जिस समय चाहिये, उस समय वह चीज नहीं मिलती है, तो मन अशान्त बन जाता है। , अशान्ति को मिटाने का एक सरल उपाय है : 'जिस समय जो मिले, उसमे से सन्तोष और आनन्द प्राप्त करो अथवा यह श्रद्धा धारण करो कि इस समय जो मै चाहता था, वह नही मिला, इसमें ही मेरा भला होने वाला होगा !' मन को प्रसन्न रखने की कला अपने पास होनी ही चाहिये । अन्यथा जीवन जीना मुश्किल हो जायगा। r ecommmm १५ ] - -

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