Book Title: Path ke Pradip
Author(s): Bhadraguptavijay
Publisher: Vishvakalyan Prakashan Trust Mehsana

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Page 29
________________ [ २१ ] NYO PARMANO chaव्य परमात्मा से मै क्या मागू ? मुझे श्रद्धा है कि परमात्मा देते है परन्तु मै क्या मागू ? मेरे - लिए जो आवश्यक साधन है, क्या मुझे नही मिले है ? जितने साधन मेरे पास है, मै उन साधनो का सदुपयोग नही कर रहा हूँ क्या मैं उनके सदुपयोग की कला मांगू ? हाँ, मनुष्य जीवन, पाँच इन्द्रिय, चिन्तनशील मन । वगैरह का सदुपयोग करना मुझे आजाए" "तो ? परमात्मा मुझे यह कला देदो। S १८ ] N

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