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मात्र
पत्थर-आप कौन है ? वीतराग-मैं वीतराग हूँ। पत्थर-वीतराग कैसे ? वीतराग-मेरे मे राग नही है,
द्वेष नहीं है। पत्थर-अच्छा, तव तो मै भी
वीतराग ! मेरे मे भी राग
नही है, द्वेष नही है। वीतराग-ठीक है, राग-द्वप तेरे
मे नही है, लेकिन पापाण की कठोरता तो है न ? सर्व जीवो के
प्रति करुणाभाव कहाँ है? पत्थर वीनराग को झुक गया वीतराग ने पत्थर को
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