Book Title: Mulachar
Author(s): Manoharlal Shastri
Publisher: Anantkirti Digambar Jain Granthmala

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Page 16
________________ गाथा पृ.सं. गा.सं. गाथा पृ.सं. मा.सं. असणं पाणं तह खा २४१। ६४६ | अकसायं तु चरित्तं ३५०। ९८२ अट्ठसदं देवसियं ... २४४। ६५७ | अत्थस्स जीवियस्स य ३५२। ९८७ अझै रुदं च दुवे ... २५०। ६७५ अदिकमणं वदिक्कमणं ३६४११०२६ अहं रुदं च दुवे ... २५०। ६७७ | अत्थस्स संपओगो ३६४।१०२९ अद्भुवमसरणमेग ... २५५। ६९२ अट्ठारस जोयणिया ३८१।१०८२ अण्णो अण्णं सोयदि २५९। ७०१ | अंगुलअसंखभागं ... ३८३।१०८७ अण्णं इमं सरीरं ... २५९। ७०२ / अवधणुसहस्सा ... ३८५।१०९५ असुइचियाविलगम्मे २६६। ७२३ अस्सीदिसदं विगुणं ३८६।१०९८ अत्यं कामसरीरा ... २६६। ७२५ अच्चित्ता खलु जोणी ३८७४११०० अणिहुदमणसा एदे २६९। ७३२ असुरेसु सागरोवम ३९२।१११७ अणुवेक्खाहिं एवं ... २७९। ७६४ | असुराणमसंखेना ... ४०३।११५१ अणयारमहरिसी] २८०। ७६८ | अविरुद्धं संकमणं ... ४०८।११६७ अपरिग्गहा भणिच्छा २८५। ७८३ अत्थि अणंता जीवा ४१९।१२०३ अण्णादमणुण्णादं ... २९५। ८१३ अंतरदीवे मणुया ... ४२२।१२१२ अक्खोमक्खणमेत्तं २९५। ८१४ . ४२४।१२१८ असणं जदि वा पाणं २९७॥ ८२० अथिरअसुहदुब्भगया ४२८११२३३ अणुबद्धतवोकम्मा... ३००। ८२९ आ अवगदमाणत्थंभा... ३००। ८३४ | आदा हु मज्झ गाणे २१॥ ४६ अहिंच चम्मं च तहेवमंसं३०६। ८४८ आहारणिमित्तं किर ३८। ८२ अहिणिछण्णं णालि ३०६। ८४९ | आराहण उवजुत्तो... ४५। ९७ अच्छी हिअ पेच्छंता ३०८। ८५४ आदावणादिगहणे ... ६२॥ १३५ अट्टविहकम्ममूलं... ३१५। ८८२ | आणा अणवत्थावि य ७०। १६४ अवहट्ट अट्टरुदं ... ३१७॥ ८८३ | आएसें एजंतं ... ७३। १५४ अणयारा भयवंता ३१९। ८८७ | आएसस्स तिरत्तं ... ७३। १६. अव्ववहारी एको ... ३२२। ८९६ | आगंतुयवत्थव्वा ... ७४। १६३ अचेलकं लोचो ... ३२६। ९०८ | आवासयठाणादिसु ___७४। १६४ अचेलकुद्देसिय ... ३२७॥ ९०९ आगंतुकणामकुलं ... ७५॥ १६६ भंबो णिवत्तणं पत्तो ३४३॥ ९६१ / आसवदि जंतु कम्म १०२। २४०

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