Book Title: Mulachar
Author(s): Manoharlal Shastri
Publisher: Anantkirti Digambar Jain Granthmala

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Page 15
________________ ॥ अथ मूलाचारकी अकारादिक्रमसे गाथासूची। अ गाथा पृ.सं. गा.सं. गाथा पृ.सं. गा.सं. अहं च रुद्दसहियं ... १५॥ ३९५ अचेलकमण्हाणं ... २॥ अमणुण्णजोगइट्ठवि १५७॥ ३९६ भसणादिचदुवियप्पे ९। २० अपहट्ट अझरुद्दे ... १५८॥ ३९७ अरहंतसिद्धपडिमा अद्भुवमसरणमेग ... १६०। ४०३ अंगुलिणहावलेहण अभंतरसोहणओ... १६३॥ ४१२ १५। अंजलिपुडेणठिच्चा... अणिगृहियबलविरिओ १६३॥ ४१३ अस्संजममण्णाणं ... २३॥ ५१ अप्पडिलेहं दुप्पडि १६५। ४१७ असत्तमुल्लवंतो ... ३०। ६४ अप्पासुएण मिस्सं... १६९। ४२८ अभिमुंजइ बहुभावे ३०। ६५ अणिसटुं पुण दुविहं १७५। ४४४ अजागमणे काले... ८०। १७७, अव १८१॥ ४६१ अण्णोण्णणुकूलाओ असणं च पाणयं वा १८२ ४६३ अज्झयणे परियट्टे ८४। १८९ १८४॥ ४६९ भविकारवत्थवेसा... ८५। १९० अद्धमसणस्स सव्वि १९२॥ ४९१ अगिहत्थमिस्सणिलए ८५। १९१ अरिहंति णमोकारं १९॥ ५०५ भद्धत्तेरसबारस ... ९६॥ २२३ अरहंतणमोकारं ... १९८॥ ५०६ अजीवाविय दुविहा ९९। २३० अरिहंति वंदणणमं २१५। ५६२ अविरमणं हिंसादी १०२। २३८ अरहतेसु य राओ २१८ ५७० भचित्तदेवमाणुस ... १२१। २९२ अब्भुट्ठाणं अंजलि... २२१। ५८१ अण्णं अपेच्छसिद्ध १२७॥ ३११ अवणयदि तवेण तमं २२३॥ ५८८ अपरिग्गहस्स मुणिणो १३८ ३४१ अणादिदं च थद्धं च २२८। ६०३ अणसणअवमोदरियं १३९। ३४६ अणाभोगकदं कम्मं २३३॥ ६२० अब्भुट्ठाणं किदि. १४९। ३७३ अणागदमदिक्कतं ... २३८। ६३७ अह ओवचारिओ खलु १५२॥ ३८१ अद्धाणगदं णवमं ... २३०। ६३८ भन्भुट्ठाणं सण्णदि... १५२। ३८२ अणुभासदि गुरुवयणं २४०। ६१ भद्धाणतेण सावद... १५६॥ ३९२ असणं खुहप्पसमणं २४१। ६४

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