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गाथा - ११०
१३०
गाथा - १११
१३०
गाथा - १
१३२
१३४
गाथा -२ गाथा - ३
१३५
गाथा - ४,५
१३७
प्रदेशसंक्रम का स्वामित्व सम्यग्दृष्टि के अयोग्य आदि को छोड़ शेष पांच संस्थान आदि सोलह अशुभ प्रकृतियों के जघन्य प्रदेशसंक्रम का स्वामित्व औदारिकसप्तक और तीर्थंकर नामकर्म के जघन्य प्रदेशसंक्रम का स्वामित्व
३ - ४ उद्वर्तना अपवर्तनाकरण स्थिति उद्वर्तना की व्याख्या अति क्रमणीय स्थितियों का प्रमाण निर्व्याघातदशा में दलिक निक्षेप प्रमाण व विधि व्याघातदशा में दलिक निक्षेपविधि जघन्य अतीस्थापना आदि के अल्पबहुत्व का प्रारूप स्थिति-अपदर्शना की व्याख्या निर्व्याघातदशा में अपवर्तित स्थितियों की निक्षेपविधि व्याघातदशा में स्थितियों की अपवर्तनाविधि स्थिति-अपवर्तना में निक्षेप आदि का अल्पबहुत्व स्थिति उद्वर्तना-अपवर्तना संबंधी संयुक्त अल्पबहुत्व स्थिति-अपवर्तना में निक्षेप आदि के अल्पबहुत्व का प्रारूप स्थिति-उद्वर्तना-अपवर्तना के मिश्र अल्पबहुत्व का प्रारूप अनुभाग-उद्वर्तना की व्याख्या अनुभाग-उद्वर्तना में निक्षेपविधि अनुभाग-उद्वर्तना में उत्कृष्टनिक्षेप अनुभाग-उद्वर्तना में निक्षेप आदि का अल्पबहुत्व निर्व्याघातभावी अनुभाग-अपवर्तना की व्याख्या व्याघातभावी अनुभाग-अपवर्तना की व्याख्या अनुभाग-अपवर्तना में निक्षेप आदि का अल्पबहुत्व
गाथा -६
गाथा - ७
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