Book Title: Kahe Kalapurnasuri Part 04 Gujarati
Author(s): Muktichandravijay, Munichandravijay
Publisher: Shanti Jin Aradhak Mandal
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सर्वोदय के नेता राधाकृष्ण बजाज ने कहा : 'हम जीये । सब जीओ' वह हिन्दु है । जो कहता है : 'में ही जीऊं दूसरा कोई नहीं ।' वह अहिन्दु है । पूरा अहिन्दु समाज हिंसा में विश्वास करता है। हमारी सह अस्तित्व की संस्कृति है।
___हमारे यहां लघुमती का जो बुखार है, उसे मैं कहने के लिए आया हूं । संसार में इस्लाम और ख्रिस्ती को चेलेन्ज देनेवाला सिर्फ हिन्दु समाज है ।
सबसे प्रथम झहर दिया, मेकोले ने । जिसने कहा : हम आर्य बाहर से आये है । वह यह कहना चाहता था :
. 'तुम और हम चौर है । तुम सिनियर चोर हो और हम जुनियर है।'
हमारी तो प्रथम से ही आरण्यक संस्कृति थी । लेकिन वनवासीओं को समझाया : तुम आदिवासी हो, मूलवासी हो । लेकिन वेद आदि शास्त्रोंमें ऐसा एक भी प्रमाण नहीं है, जहां कुछ ऐसा उल्लेख हो । उल्लेख का एक अंश भी नहीं मिलता, फिर भी हमने यह सब मान लिया ।
लघुमती के बुखार का क्या आधार है ?
मेकोले ने जो घुसाया वह नेहरु के दिमाग में घुसा दिया गया । स्वयं इतिहासकार न होने पर भी उसने यह (विश्व इतिहास की झलक) लिख दिया । उस प्रकार मुट्ठीभर अंग्रेजों ने पूरे हिन्द में यह विचार फैला दिया ।
अजैन हिन्दु समुदाय ८४ करोड़ है । जैन १ करोड़ है। कौन भरत ? ऋषभदेव का पुत्र कौन भरत ? हम नहीं मानते । ऐसा कोइ प्रश्न हिन्दुओं द्वारा नहीं किया गया । बहुमती होने पर भी नहीं किया गया । भरत तीन है : ऋषभ, दशरथ और दुष्यन्त के पुत्र । लेकिन सभी मानते है : ऋषभदेव के पुत्र भरत से ही भारत बना है। इसमें किसी हिन्दु ने विरोध नहीं किया । अगर यह देश है तो ऋषभदेव के संतानों का है। यह भरत का है, यह. भारत है ।
_ 'भारत' का अर्थ अर्जुन है। गीता आदि में इसका प्रयोग भी है : यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति 'भारत' । इस अर्थ २७ * * * * * * * * * * * * * sd, SIपूरि
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