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११४
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उपासकदशांग प्रश्नव्याकरण निरयावलिका उत्तराध्ययन आवश्यक दशवकालिक . प्रवचनसार समयसार नियमसार पुरुषार्थसिद्धय पाय मूलाचार रत्नकरंड-उपासकाध्ययन
१२२ १२५ १२७ १२८ १३०
तृतीय अध्याय
१४०-२०८
१४० १४२ १४४
१४५
१४७
जैन दृष्टि से अहिंसा हिंसा की परिभाषा हिंसा का स्वरूप हिंसा की उत्पत्ति एवं भेद हिंसा के विभिन्न नाम हिंसा के विविध रूप स्वहिंसा और परहिंसा षटकायों की हिंसा हिंसा के विभिन्न कारण हिंसा के स्तर हिंसा करनेवाले कुछ विशेष लोग तथा जातियां हिंसा के फल हिंसा के पोषक तत्त्व अहिंसा अहिंसा की परिभाषा अहिंसा के रूप
१४८८ १४३
११३
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१५५ १६१
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