Book Title: Dashvaikalik Ek Samikshatmak Adhyayan
Author(s): Tulsi Acharya, Nathmalmuni
Publisher: Jain Shwetambar Terapanthi Mahasabha
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________________ . 1. बहिरङ्ग परिचय : व्याकरण-विमर्श 25 विभक्ति-विहीनइन्वेव (2 / 4) यहाँ ‘एवं' शब्द के अनुस्वार का लोप हुआ है / 1 . कारणमुप्पन्ने (5 / 2 / 3) यहाँ कारण में विभक्ति का निर्देश नहीं है। सप्तमी के स्थान में मकार अलाक्षणिक है। व्यत्ययइच्चेसिं छण्हं जीवनिकायाणं (४।सूत्र 2) यहाँ सप्तमी के अर्थ में षष्ठी विभक्ति है / अन्लेन मग्गेण (5 / 1 / 6) ____ यहाँ सप्तमी के अर्थ में तृतीया विभक्ति है / बीएसु हरिएसु (5 / 1 / 57) के अर्थ में सप्तमी विभक्ति है। महिं (6 / 24) .. यहाँ सप्तमी के अर्थ में द्वितीया विभक्ति है। पीढए (7 / 28) - यहाँ चतुर्थी के अर्थ में प्रथमा विभक्ति है। भोगेसु (8 / 34) यहाँ पंचमी के अर्थ में सप्तमी विभक्ति है।४ १-हेमशब्दानुशासन, 8.1029 : ___मांसादेर्वा अनेन ‘एवं' शब्दस्य अनुस्वारलोपः / २-हारिभद्रीय टीका, पत्र 143 : सुपा सुपो भवन्तीति सप्तम्यर्थे षष्ठी। ३-वही, पत्र 164 : छान्दसत्वात् सप्तम्यर्थे तृतीया। .. ४-वही, पत्र 233 : भोगेभ्यो बन्धैकहेतुभ्यः /