Book Title: Dashvaikalik Ek Samikshatmak Adhyayan
Author(s): Tulsi Acharya, Nathmalmuni
Publisher: Jain Shwetambar Terapanthi Mahasabha
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________________ 218 दशवकालिक : एक समीक्षात्मक अध्ययन ... (4) भट्टे-यह पुत्र-रहित स्त्री के लिए प्रयुक्त होता था। और लाट देश में इससे ___ ननद का बोध होता था। (5) सामिणी—यह चाटुता का आमंत्रण शब्द था / तथा लाट देश में प्रयुक्त होने वाला सम्मान-सूचक सम्बोधन-शब्द था। (6) होल, गोल, वसुल—ये तीनों गोल देश में प्रचलित प्रिय-आमंत्रण थे।" - . (7) गोमिणी- इससे चाटुता का बोध होता था और यह सभी देशों में प्रयुक्त ___ होता था।६ (5) अण्ण-महाराष्ट्र में पुरुष के सम्बोधन के लिए प्रयुक्त होता था।" (6) हे, भो—ये सामान्य आमंत्रण थे। (10) भट्रि, सामि, गोमि-ये पूजा-वाची शब्द थे। (11) होल—यह प्रभुवाची शब्द था।१० मध्य प्रदेश में वयोवृद्धा स्त्री को 'ईश्वरा', कहीं उसे 'धर्म-प्रिया' और कहीं 'धर्मशीला' कहा जाता था।११ १-अगस्त्य चूर्णि : . भट्ठति अन्भरहित वयणं पायो लाडेसु / २-जिनदास चूर्णि, पृ० 250 : भट्टेति लाडाणं पतिभगिणी भण्णइ / ३,४-वही, पृ० 250 / ५-अगस्त्य चूर्णि: होले गोले वासुलेत्ति देसिए लालणगत्थाणीयाणि प्रियवयणमंतणाणि। ६-जिनदास चूर्णि, पृ० 250 : __ गोमिणिओ चाटुए वयणं / ७-वही, पृ० 250 : अण्णेत्ति मरहट्ठ विसए आमंतणं / ८-वही, पृ० 250 / ९-अगस्त्य चूर्णि: ___ भट्टि, सामि, गोमिया पूया वयणाणि निद्देसा तिसु सव्व विभत्तिसु / १०-वही : होलइति पमुवयणं। ११-हारिभद्रीय टीका, पत्र 213 : . तत्र वयोवृद्धा मध्यदेशे ईश्वरा धर्मप्रियाऽन्यत्रोच्यते धर्मशीले इत्यादिना /