Book Title: Dashvaikalik Ek Samikshatmak Adhyayan
Author(s): Tulsi Acharya, Nathmalmuni
Publisher: Jain Shwetambar Terapanthi Mahasabha
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________________ 122 दशवकालिक : एक समीक्षात्मक अध्ययन देखे / ' विकलांग या वृद्ध स्त्री से भी दूर रहे / 2 विभूषा न करे। प्रणीत रस का भोजन न करे। स्त्री का संसर्ग न करे / 3 स्त्रियों के अंग, प्रत्यंग, संस्थान, मधुर बोली और कटाक्ष को न देखे / 4 ब्रह्मचारी मनोज्ञ. विषयों में राग-भाव न करे / आसक्त दृष्टि से न देखे। घर में जा अतिदूर तक न देखे / 6 स्नान-घर और शौच-गृह को न देखे / " 5. अपरिग्रह मुनि गाँव, नगर या अरण्य में अल्प या बहुत, छोटी या बड़ी, सजीव या निर्जीवकोई भी वस्तु पर ममत्व न रखे, न दूसरों को ममत्व रखने की प्रेरणा दे और न ममत्व का अनुमोदन करे / खाद्य-पदार्थों का संग्रह न करे। ये मेरे कल काम आयेंगे—ऐसा सोच संचय न करे। मुनि वस्त्र, पात्र तो क्या शरीर पर भी ममत्व न रखे / 10 उपधि में आसक्त न बने / 11 ऋद्धि, सत्कार और पूजा की भावना का त्याग करे / जीवन की अभिलाषा न करे / 12 मुनि भोजन के लिए कहीं प्रतिबद्ध न हो / 13 ... १-दशवकालिक, 8 / 53,54 / २-वही, 8 // 55 // ३-वही, 8.56 / ४-वही, 8 / 57 / ५-वही, 8.58 / ६-वही, 5 // 1 // 23 // ७-वही, 5 // 125 // ८-वही, ४ासू०१५॥ ९-वही, 6 / 17; 108 / १०-वही, 6 / 21 / ११-वही, 10 / 16 / १२-वही, 10 // 17 // १३-वही, 115 //