Book Title: Dashvaikalik Ek Samikshatmak Adhyayan
Author(s): Tulsi Acharya, Nathmalmuni
Publisher: Jain Shwetambar Terapanthi Mahasabha
View full book text
________________ 4. चर्यापथ : ईर्यापथ 131 हरियाली का वर्जन कर खड़ा रहे / ' आगल, परिघ, द्वार या किंवाड़ का सहारा लेकर खड़ा न रहे / 2 किसी घर के आगे वनीपक आदि याचक खड़े हों तो मुनि उनको या गृहस्वामी को दीखे, वैसे खड़ा न रहे, एकान्त में जाकर खड़ा हो जाए। वन-निकुंज के बीच, बीज, हरित, अनन्त कायिक वनस्पति, सर्पच्छत्र, काई आदि पर खड़ा न रहे। आठ प्रकार के सूक्ष्म जीवों को देख कर खड़ा रहे।५ गृहस्थ के घर में मुनि झरोखा, सन्धि आदि स्थानों को देखता हुआ खड़ा न रहे, उचित स्थान में खड़ा रहे / 6 १-दशवकालिक, 5 // 1 / 26 / २-वही, 5 / 2 / 9 / ३-वही, // 2 // 11 / ४-वही, 8 / 11 / ५-वही, 8 / 13 / ६-वही, 531115 /