Book Title: Dashvaikalik Ek Samikshatmak Adhyayan
Author(s): Tulsi Acharya, Nathmalmuni
Publisher: Jain Shwetambar Terapanthi Mahasabha
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________________ ६-इन्द्रिय और मनोनिग्रह दशवकालिक में इन्द्रिय और मन को जीतने के लिए निम्न उपाय प्राप्त होते हैं : 1. जिसके प्रति राग उत्पन्न हुआ हो उसके प्रति यह चिन्तन करे—वह मेरी नहीं ' है, मैं भी उसका नहीं हूँ-इस भेद-चिन्ता से राग दूर होता है।' 2. राग निवारण के लिए मुनि आतापना ले (सूर्य का ताप सहे), सुकुमारता को ___ छोड़े, इच्छाओं का अतिक्रमण करे, द्वष और राग से बचे / / 3. मन, वाणी और शरीर का गोपन करे, पाँच इन्द्रियों का निग्रह करे / 4. जो पुण्य-पाप और बन्ध-मोक्ष को जान लेता है, वह भोग से विरक्त हो नाता है इसलिए उन्हें जाने। 5. रूप में मन न करे।५ 6. कर्णप्रिय शब्दों में आसक्त न बने / 6 7. कछए की भाँति इन्द्रियों का गोपन करे। 8. मनोज्ञ विषयों में प्रेम न करे / 6. स्वाध्याय और ध्यान में रत रहे / 10. ममकार का विसर्जन करे / 10 11. इन्द्रियों को जीते / 11 12. चित्त को समाधान दे / 12 .. 13. मन का संवरण करे / / 3 / 14. इन्द्रियों को समाधान दे।१४ ... १-दशवकालिक, 2 // 4 // २-वही, 2 / 5 / ३-वही, 3 / 11 / ४-वही, 4 // 16 / ५-वही, 8 / 19 / ६-वही, 8 / 26 / ७-वही, 8140 / ८-दशवकालिक, 858 / ९-वही, 8.62 / १०-वही, 8 / 63 / ११-वही, 9 / 3 / 13 / ' १२-वही, 10 / 1 / .. १३-वही, 10 // 7 // :-१४-वही, चूलिका 2 / 16 /