Book Title: Dashvaikalik Ek Samikshatmak Adhyayan
Author(s): Tulsi Acharya, Nathmalmuni
Publisher: Jain Shwetambar Terapanthi Mahasabha
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________________ 160 दशवकालिक : एक समीक्षात्मक अध्ययन .. . (4) स्थविर-कल्पिक मुनि प्रमाण युक्त केश, नख आदि रखते हैं। जिन-कल्पिक मुनि के केश और नख दीर्घ होते हैं / ' (5) अग्नि की मंद आँच से पकाया जाने वाला अपक्वपिष्ट एक प्रहर में परिणत होता है और तेज आँच से पकाया जाने वाला शीघ्र परिणत हो जाता है। (6) कुहरा प्रायः शिशिर ऋतु-गर्भ मास में पड़ा करता है। . १-जिनदास चूर्णि, पृष्ठ 232 : दीहाणि रोमाणि कक्खीवत्थगंधादीसुःणहावि अलत्तयपाडणपायोगा, ण छज्जंति ते दीहा धारेउं, जिणकप्पियादीण दीहावि।