Book Title: Dashvaikalik Ek Samikshatmak Adhyayan
Author(s): Tulsi Acharya, Nathmalmuni
Publisher: Jain Shwetambar Terapanthi Mahasabha
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________________ ५-निक्षेप-पद्धति नियुक्ति में निक्षेप-कथन से व्याख्या की पद्धति मिलती है / नाम आदि विविक्षाओं से शब्दों के अर्थ का विस्तृत वर्णन मिलता है। उदाहरणस्वरूप 'दसवेआलियं' शब्द के आरम्भिक 'दस' शब्द का अर्थ-स्फोटन नाम, स्थापना, द्रव्य, काल, क्षेत्र और भाव-इन छह निक्षेपों से किया गया है। णामं ठवणा दविए खित्ते काले तहेव भावे अ। एसो खलु निक्खेवो दसगस्स उ छम्विहो होइ // 9 // प्रथम अध्ययन 'दुमपुष्फिया' के 'दुम' शब्द की व्याख्या चार निक्षेपों से की गई है : णामदुमो ठवणदुमो दव्वदुमो चेव होइ भावदुमो / एमेव य पुप्फस्स वि चउन्विहो होइ निक्खेवो // 34 // 1. धर्म: प्रथम अध्ययन की प्रथम गाथा में 'धम्म' शब्द आया है। चार निक्षेपों के सहारे इसकी व्याख्या नियुक्ति में इस प्रकार मिलती है : णामंठवणाधम्मो दव्वधम्मो अ भावधम्मो अ।। एएसिं नाणतं वुच्छामि अहाणुपुवीए // 39 // दव्वं च अस्थिकायप्पयारधम्मो अ भावधम्मो अ। दव्वस्स पज्जवा जे ते धम्मा तस्स दव्वस्स // 40 // धम्मत्थिकायधम्मो पयारधम्मो य विसयधम्मो य। लोइयकुप्पावयणि लोगुत्तर लोगणेगविहो // 41 // गम्मपसुदेसरज्जे पुरवरगामगणगोटिराईणं। सावज्जो उ कुतित्थियधम्मो न जिणेहि उ पसत्यो // 42 // दुविहो लोगुत्तरिओ सुअधम्मो खलु चरित्तधम्मो अ। सुअधम्मो समाओ चरित्तधम्मो समणधम्मो // 43 // निक्षेप-शैली से अर्थ-कथन करने के कारण पर्यायवाची शब्द और भेदानुभेदों का विस्तृत वर्णन नियुक्ति, चूर्णि और टीका में मिलता है।