Book Title: Dashvaikalik Ek Samikshatmak Adhyayan
Author(s): Tulsi Acharya, Nathmalmuni
Publisher: Jain Shwetambar Terapanthi Mahasabha
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________________ 5. व्याख्या-ग्रन्थों के सन्दर्भ में : निक्षेप-पद्धति 191 अपकाय ने जीवित अपकाय को मार डाला।" इसी को पहेली की भाषा में कहा गया है एगोकाओ दुहा जाओ, एगो चिट्ठइ मारिओ / जीवंतो भएण मारिओ, तल्लव माणव ! केण हेउणा // अर्थात् एक काय था। वह दो में बंट गया। एक जीवित रहा, एक मर गया। जो मरा उसने जीवित को मार डाला। कहो यह कैसे हुआ ? / (12) भाव-काय-कर्मो के उदय, उपशम, क्षय, क्षयोपशम तथा परिणमन से होने वाली अवस्थाएँ।' ..१-हारिभद्रीय टीका, पत्र 135 : भावकायश्चौदयिकादिसमुदायः /