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महत्तमापवर्तन | अध्याय ३ ।
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इस में बीजात्मक पदों का महत्तमापवर्तन और लघुतमापवर्त्य जानने के प्रकार हैं ।
१ महत्तमापवर्तन ।
४६ । जो दो वा बहुत पद जितने पदों से अपवर्त्य हैं उतने उन पदों के अपवर्तन कहलाते हैं और उन अपवर्तनों में जो सब से बड़ा हैं उस को उन दो वा अधिक पदों का महत्तमापवर्तन कहते हैं ।
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जैसा । अकग और कगघ इन दो पदों के क, ग और कगु इतने - अपवर्तन हैं और इन सभों में कम सब से बड़ा है इस लिये यह उन दो पदों का महत्तमापवर्तन है ।
इसी भांति अकगर, अगयर और गयरल इन के ग, र और गर इतने अपवर्तन हैं परंतु इन में गर सभों से बड़ा है इस लिये यह महत्तमाप्रवर्तन है ।
जानना चाहिये कि यहां महत्तमापवर्तन करने से भी वह अपने पदों को निःशेष कर सकता है पर सर्वदा महत्तमापवर्तन को धनात्मकः हि मानते हैं ।
४७ । जो बीजात्मक केवलपदों का महत्तमापवर्तन जानना हो तो वह उन पदों को बिचार के देखने से तुरन्त ज्ञात होगा । जैसा नीचे लिखे हुए उदाहरणों में ।
उदा० (१) २४ अय ेर और १६ यरल इन- का महत्तमापवर्तन व्य है । क्योंकि २४ अय = ८ ६२३२ X ३ ग्रर और १६ घरेल = ८ १२ x २ यल यहां ३ पर और २ यल ये दूसरे अवयवः परस्पर. दृढ
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उदा० (२) १५ ऋक, १० कय और २० करें इन का महत्ततापवर्तन ५ है इसका भी कारण वहां है ।