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भिवपदों का भागहार।
१४.
उदा० (५)
- इस को सर्णित करो।
.
क
यहां अंश और छेद को क से गुण देने से
१
अक+१
+
क
उदा० (६)
- इस को सर्णित करो।
+
यहां सवर्णन करने के लिये (५) वे उदाहरण में क के स्थानपर
को रखने से
40
क
+
कग+9
अकग+
+ग
+
-
--
५
- इस उदाहरण में जो भिवपद निर्दिष्ट है ऐसे भित्रपद का नाम विततभित्रराशि रक्खा है।
- उदा० (७) १ में य+१ का (३१) वे प्रक्रम के तीसरे प्रकार से भाग दे के विस्तार से लब्धि कहो।
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