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दा
+
द .. १० X दा
..ET =
क
त+द
१०
द
(१०
.. दा =
ट
_ १०x
त
verdag
+
भिसम्बन्धि प्रकीर्णक्र
इस में जो संख्या आवर्त दशमलव के आदि में रहती है और फिर
नहीं आती उस का योतक
है जो संख्या वही फिर २ आती है उस का तक क है । और संख्या के एकस्थान का अङ्क पहिले से जिस दशमलव स्थान में होगा उस संख्या का द्योतक त है और क संख्या में जितने स्थान होंगे उन की संख्या का द्योतक द है । अब इस आवर्त दशमलव के समान जो दा यह भित्र संख्या मानो तो
१०
P
क
त+द
त
क
त द
qỗ (q☎ — 1)
त
१) अ + क
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+
द
(१ - १) अ + क
+
+
१०
क
त+द
१०
१०
क
त+३द
क
त+द
समों में सम घटा देने से, (१३ - १) दा
=
+
+
क
त+२द
क त+द
१०
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+
(१० - १) ४० + ५
१० x १० - १)
+
उदा० (१) • ५५५५ इत्या० इस का भिवरूप क्या है ?
यहां अ = ० = ५, त = ०, और द = १
आवर्त दशमलव का भित्र रूप जानने के
त द १०(१० १)
लिये यह एक पक्ष है इस में अ, क, त, और द इन का उत्थापन करने से
भित्र रूप तुरन्त स्पष्ट होगा ।
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क त+३द
क त+३द
१०
(१३ – १) अ + क
५
୧
१८०
1
उदा० (२) •०२०२०२० इत्या० इस का भित्ररूप क्या
ఎ
यहां = ०, क = २२, त = १ और द = २
+ इत्यादि
+ इत्यादि