________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
(३१)
(PR)
(*3)
(२४)
(२५)
अनेक एकघाससमीकर
(श्य + ३) (३+४) = ६८ + (य +2)
५०-०८
१४
इस मैं
घर + ५थ = ४₹- ७+
थ+२₹ = १४
--
४य +9 १०
329
इस में
इस में
+
५८-२श
१४
+ पर = र + ३१ + १०
थ - रं = १
५. थ
११ य
३(० य +५)
www.kobatirth.org
--
२य - र
७ य
+
m
1
र
S
- १
इस में
३८+५+१ ७य-३र
+
६र -५ १४
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
} इस में य
(6)
य = ७ और रं = ३।
1
४ ३र १२य-पूर
- इस में य = ६ और ₹ =५ ।
६ य +१३ १५
= ८ और १ - ३ |
३. य
For Private and Personal Use Only
घ - ७ और रा
'
+ १४ ૧૪
य = १ और २ = ३२|
P कव एकघात समीकरण की समक्रिया
जिस में तीन आदि अव्यक्त हैं ।
८१ । जो तीन अव्यक्त हों तो उनका मान ठहराने के लिये तीन समीकरण चाहिये तब उस में उक्त विधि से दो समीकरणों से एक श्राव्यक्त को ' उड़ा के एक समीकरणा उत्पन्न करो ऐसा हि इन दो समीकरणों में से एक और एक जो शेष बचा है इन दो समीकरणों से उसी अव्यक्त को उड़ा के एक दूसरा समीकरण उत्पन्न करो इस प्रकार से दो समीकरण उत्पन्न होंगे जिन में दो अव्यक्त होंगे तब उन का मान पूर्वोक्त विधि से निकालो फिर उत्थापन से तीसरे अव्यक्त का भी मान जान लेओ ।