Book Title: Bijganit Purvarddh
Author(s): Bapudev Shastri
Publisher: Medical Hall Press

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Page 292
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir एकघातसमीकरणसम्बन्धि प्रश्न । इस लिये इस जाति के प्रश्न का य=-का यह बीजसूत्र है। एस में अ, क और ग दुन का इष्ट संख्याओं से उस्थापन करने से य का मान स्पष्ट होगा। अब इस बीजसत्र को देखने से स्पष्ट ज्ञात होता है कि जो इस में य का मान धन अभीष्ट हो तो कोर ग दून के गुणनफल से का मान अवश्य बड़ा चाहिये नहीं तो य का मान घण होगा। नेसा । जो = २५, क = ११ और ग-२ तो य = २५-११४२३ अर्थात आ का धय २५ बरस और का का ११ बरस हो तो तीन बरस उपरान्त पा का वय का के वय से दूना होगा। परंतु नो अ= ३४, क = १८ और ग-२ तो य = ३४२१९४२=-२।। यहां कग से अका मान छोटा है इस से य का मान पण दो है इस लिये ऊपर के प्रक्रम में नो लिखा हैं उस के अनुसार यहां पा का वय ३४ बरस और का का वय १८ बरस हो तो पा का वय का के वय से टूना कब होगा? इस प्रश्न का यह उत्तर होगा कि दो बरस पहिले आ का वय का के वय से दूना था । इस प्रकार से यहां स्पष्ट है कि धन मान जो भविष्यतकाल का हो तो क्षण मान भूतकाल का होगा। प्रश्न ३ । एक कुण्ड में अ, क और ग ये तीन पानी के झरने हैं उन में जो अपौर क ये दो झरने एक काल में खोल देओ ते वह कण्ड पघड़ी में जल से भर जाता है, जो अऔर ग ये दो खोल दे तो वह कुण्ड फ घड़ी में भरता है और क पार ग इन दो झरनों को बाल देने से वह कुण्ड ब घड़ी में भरता है तो अलग २ एकर झरना बुला रखने से वह कुण्ड कितनी २ घड़ी में भरेगा? For Private and Personal Use Only

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