Book Title: Bijganit Purvarddh
Author(s): Bapudev Shastri
Publisher: Medical Hall Press

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Page 293
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra इस लिये -2 घ कघात समीकरसम्बन्धि प्रश्न । माना कि च क और ग मे तीन भरने अलग २ काल में खुले रखने से कम से यर और स घड़ी में सब कुण्ड जल से भर जायगा 42+3 के और है + ले बे १ १ प य + = :: समक्रिया से, य = www.kobatirth.org २ पफब २ फेब पब + फब - पफर = पफ + फब २ पफब पब + फब - पफ और ल = २ पफब पफ+ पब- फब इस प्रकार से इस प्रश्न में तीन अव्यक्तों के लिये तीन बीजसूत्र हैं । इन में जो प १५ और ग = २० हो = १२, फ तो थ २०, शपफब ३०, पफ + फब - पत्र ७२०० ५ पफब पफ + पब फब १२० ६० । और ल अर्थात् एक कुण्ड में तो और क ये दो भरने एक साल में खोल देओ तो वह कुण्ड १२ घड़ी में जल से भरेगा, अ और ग को एक काल मैं खोल दे तो १५ घड़ी में भरेगा और क और ग को खोल देथे। तो २० घड़ो में भरेगा। तो अलग २ काल में हर एक झरने से कितनी र‍ घड़ी में वह कुण्ड जल से भरेगा ? इस में अ, क और ग ये तीनो भरने अलग २ काल में खुले रखने से वह कुण्ड क्रम से २०, ३० और ६० घड़ी में भर जायगा । परंतु इन बीजसूत्रों में जो प २ पदब तो, य = पब+फब - पफ — Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ७२०० ३६० 1 ०२०० २४० १२, फ = ३० और ब : २०, ४३२०० ०२०+१८००-३६० २ पफब .४३२०० र - पफ + फब पत्र ३६० +१८०० २ पफब ४३२०० पफ + पब फब ३६० + ०२०- १८०० ३०, ४३२०० - ७२० - ६०॥ ल = अर्थात् अ, क और ग इन तीनों झरनों में द्वार भरने खुले रखने 'से नो वह कुण्ड क्रम से १२, ३० और ६० घड़ी में भरेगा तो केवल भरना खुला रखने से २० घड़ी में भरेगा, क खुला रखने से ३० घड़ी में भरेगा और ग झरने के काल का मान ऋण ६० घड़ी आया है परंतु - पत्र ' For Private and Personal Use Only ६० माना = ४३२०० १४४० - ७२० ४३२०० २५६० -

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