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इस लिये -2
घ
कघात समीकरसम्बन्धि प्रश्न ।
माना कि च क और ग मे तीन भरने अलग २ काल में खुले रखने
से कम से यर और स घड़ी में सब कुण्ड जल से भर जायगा
42+3 के और है + ले बे
१ १
प य
+
=
:: समक्रिया से, य =
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२ पफब
२ फेब
पब + फब - पफर = पफ + फब
२ पफब
पब + फब - पफ
और
ल =
२ पफब पफ+ पब- फब
इस प्रकार से इस प्रश्न में तीन अव्यक्तों के लिये तीन बीजसूत्र हैं । इन में जो प १५ और ग = २० हो
= १२, फ
तो थ
२०,
शपफब
३०,
पफ + फब - पत्र
७२००
५ पफब पफ + पब फब
१२०
६० ।
और ल अर्थात् एक कुण्ड में तो और क ये दो भरने एक साल में खोल देओ तो वह कुण्ड १२ घड़ी में जल से भरेगा, अ और ग को एक काल मैं खोल दे तो १५ घड़ी में भरेगा और क और ग को खोल देथे। तो २० घड़ो में भरेगा। तो अलग २ काल में हर एक झरने से कितनी र घड़ी में वह कुण्ड जल से भरेगा ? इस में अ, क और ग ये तीनो भरने अलग २ काल में खुले रखने से वह कुण्ड क्रम से २०, ३० और ६० घड़ी में भर जायगा ।
परंतु इन बीजसूत्रों में जो प
२ पदब
तो, य = पब+फब - पफ
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७२००
३६०
1
०२००
२४०
१२, फ = ३० और ब
: २०,
४३२०० ०२०+१८००-३६० २ पफब .४३२०० र - पफ + फब पत्र ३६० +१८०० २ पफब ४३२०० पफ + पब फब ३६० + ०२०- १८००
३०,
४३२०० - ७२०
- ६०॥
ल =
अर्थात् अ, क और ग इन तीनों झरनों में द्वार भरने खुले रखने 'से नो वह कुण्ड क्रम से १२, ३० और ६० घड़ी में भरेगा तो केवल भरना खुला रखने से २० घड़ी में भरेगा, क खुला रखने से ३० घड़ी में भरेगा और ग झरने के काल का मान ऋण ६० घड़ी आया है परंतु
- पत्र '
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६० माना
=
४३२००
१४४० - ७२०
४३२०० २५६०
-