Book Title: Bijganit Purvarddh
Author(s): Bapudev Shastri
Publisher: Medical Hall Press

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Page 291
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra २०० एकघात समीकरण सम्बन्धि प्रश्न । नसर को ० में घटा देश्रो तो अन्तर ४ होता है तो इस प्रश्न का यह उत्तर उपपत्र अर्थात् प्रतीति के योग्य हो सकता है । इस प्रकार से श्रीभास्कराचार्य ने भी लिखा है कि www.kobatirth.org यत्र क्वचिच्छुद्विविधौ यदेह शोध्यं न शुध्येद्विपरीतशुद्धा । - विधिस्तदा प्रोक्तवदेव किंतु यो वियोग: सुधिया विधेयः ॥ इस का अर्थ | यहां जब कहीं अन्तर करने में घटाने को संख्या न घट सके वहां उलटा घटा के (अर्थात् जिस में घटाना है उसी को घटाने की संख्या में घटा के) उस अन्तर से आगे जो विधि कहा हो उसी के अनुसार बुद्धिमान् सब गणित करें किंतु जहां योग करना हो वहां अन्तर करे । इसी प्रकार से य = अ + क - गइस बीजसूत्र में जो अ = ३, क- ८ और ग = १३ मानो तो य = ३+६ . १३ -- 1 अर्थात् जिस संख्या को ३ में घटा के अन्तर को में जोड़ दे तो योग १३ होता है वह संख्या क्या है ? इस प्रश्न का उत्तर आता है ! परंतु केवल ऋण संख्या लोक में अनुपपत्र है इस लिये ऊपर के प्रक्रम के अनुसार इस प्रश्न की बोली यों पलट दिई नावे कि जिस संख्या को ३ में जोड़ के योग को में जोड़ देवो तो योग १३ होता है तो वह संख्या २ है यह इस प्रश्न का उत्तर प्रतीति के योग्य होता है। यहां माना कि य इस लिये अ + य समक्रिया से, Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir प्रश्न । आा मनुष्य का वय फब चा का वय का के वय से य = 1 बरस है और का का क बरस है तो गगुण होगा ? बरस के उपरान्त गगुण होगा ग (ऋ + य) श्र- - कगः ग- १ For Private and Personal Use Only

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