Book Title: Bijganit Purvarddh
Author(s): Bapudev Shastri
Publisher: Medical Hall Press

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Page 290
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org पघातसमीकरण सम्बन्धि प्रश्न । (९२) वे प्रक्रम में जिन प्रश्नों का गणित करके दिखलाया है उन में (ब) वे और (९) वे प्रश्न के गणित में उस २ प्रश्न का बीजसून उत्पन्न किया है। इस बीजसूत्र पर और विचार करने के लिये कुछ प्रश्न लिखते हैं । समक्रिया से Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir प्रश्न १ । जिस संख्या को में घटा के अन्तर को क में जोड़ देओ तो योग ग होता है वह संख्या क्या है ? मानो, थ. वह संख्या तब, क + (-) ग या + क ग इस लिये य = आ + क - ग, यह इस भांति के प्रश्न का बीजसूत्र है । इस में अ, क और ग इन का मान चाहो से मान के उन का उत्थापन करने से य का मान तुरंत ज्ञात होगा जैसा । जो अ = ४, क - ५ और ग = = ६माना तो य - ४+५-६-३॥ अर्थात् जिस संख्या को 8 में घटा के अन्तर को ५ में जोड़ देओ सो योग ६ होता है वह संख्या ३ है । क्यों कि ३. को ४ में घटा देने से अन्तर १ होता है इस को ५ में जोड़ देओ तो योग छ होता है । दूस लिये ३ यह उस संख्या का मान ठीक है । परंतु जो ऋ = ५, क. =२ और ग= 8 मानो तो यः =५+७-४=51 अर्थात् जिस संख्याको ५ में घटा के अन्तर को 9 में जोड़ देन बा योग ४ होता है वह संख्या ८ है । इस लिये उस संख्या का मान जो कहें तो प्रश्न की बोली के अनुसार इसकी प्रतीति नहीं होती। क्या कि यह संख्या पहिले हि ५ में नहीं घट सकती । यों लोक में यह उत्तर अनुपपत्र अर्थात् प्रतीति करने के योग्य नहीं है । इस लिये ऊपर के प्रशम में जो ऋणत्व का प्रतिपादन किया है उस के अनुसार इस: प्रश्न की बोली यों पलट दिई जावे कि जिस संख्या में ५ घटा के प्र 4 For Private and Personal Use Only

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