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अनेकवर्ण एकघातसमीकरण अथवा तीसरी रीति से, (३) को २ से गुण में
स्य+२ र + २ल = २६ (२)
२य-३+४ल = . .. अन्तर से, ५र-२ल = २६, यह वही समीकरण है जो पहिले दो बार उत्पन्न हुआ है।
इसी भांति (२) और (३) इन से य को उहा के यह समीकरण उत्पन्न होता है, १७ र-२२ ल =५८)
और ऊपर का उत्पन्न समीकरण ५२-२.ल = २६.) इन दोनों में उक्त विधि कर के सक्रिया से,
र६और ल = २ फिर उत्थापन से य =५
অথয়া
य= १३-र-ल (३) का (२) में उत्थापन कर के सर्णित करने से
५२-२ल = २६ : ररेल २६ (8) (४) का (३) में उत्थापन करने से य = १३ - २ल २६ -ल
= ६५-२ल - २६ - ५ ल = ३९-७ल (५) .:. (४) और (५) इन मितिओं से (३) में उत्थापन करने से
३ (३-ल)+४ (२ल. २८)-५ल - २ वा, ११७-२१ ल+ +१०४-२५ ल = १४५
: ३८ल = ७६ और ल =२ फिर य = ३-७ल = ३९ - १४ = २५ - ५, पौर र = २ल +२६ = ४+६३० -६ ।
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