Book Title: Bijganit Purvarddh
Author(s): Bapudev Shastri
Publisher: Medical Hall Press

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Page 286
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ইয়ানমীক্ষাযা সহন। रुपयों के १०० पक्षी इसी भांति मोल लिये कि उनमें जितने सारस पती थे उतने हि मोर थे और जितने रुपयों से हंस पक्षी मोल लिये उस से दूने रुपयों के मोर लिये तो बताओ उस मनुष्य ने वे चारो जाति के पती कितने २ मोल लिये ? उत्तर, ४५ कबूतर, १४ सारस पक्षी, २७ हंस और १४ मार । (EC) पांच मनुष्य अपने पास कुछ २ धन ले के इकडे यत खेलने बैठे उन में प्रारम्भ में पांचवे मनुष्य के पास जितने रुपये थे उस से पहिले मनुष्य के पास ३२५ रुपये अधिक थे। तब खेल में पहिले हि प्रथम मनुष्य हार गया तब उसने और चारों के पास जितना २ धन था उस के आधे से एक रुपया अधिक इतना २ धन सब को दिया । इसी भांति दसरा तीसरा इत्यादि मनुष्य क्रम से हार गये और उन्हों ने भी ऐसा हि धन औरों को दिया । तब अन्त में सभी के पास समान रूपये हो गये। तब खेल के प्रारम्भ में हर एक मनुष्य के पास कितने २ रुपये थे सो कहो। उत्तर, पांचों मनुष्यों के पास क्रम से ४३५, ३००, २१०, १५० और ११० इतने रुपये थे। (१००) एक गढ के चारों कोनों पर मिल के १९४० योधा लोग रहते थे। एक बार जिस कोने पर थोडे लोग ये उधर शत्र के लड़ने लगा.तब उस कोने पर जितने लोग थे उतने हि उतने लोग और तीन कोनों से उस पर आके वहां से उस शत्रु को हटा दिया पर उन लोगों में से लड़ाई में आधे लोग मर गये । तब शत्रु दूसरे कोने पर गया वहां भी ऐसा हि हुआ और योंही तीसरे और चौथे कोने पर हुआ। फिर देखते हैं तो सब कोनों पर समान लोग हुए तो पहिले हर एक कोने पर कितने २ लोग थे? उत्तर, पहिले कोने पर २००, दूसरे पर ५०, तीसरे पर ५७०, और चौथे पर ६५० । For Private and Personal Use Only

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