Book Title: Bijganit Purvarddh
Author(s): Bapudev Shastri
Publisher: Medical Hall Press

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Page 283
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org २६६ एकघात समीकरण सम्बन्धि प्रश्न । -आके महाजन को दे दिया उस से तीनों ऋणमुक्त हुए। तो उस महाजन ने हर एक मनुष्य को कितना २ ऋण दिया था सो कहो ? पहिले मनुष्य को १०३५ रुपये, दूसरे को १०१२ रुपये और तीसरे को ९९० रुपये ऋण दिया था । उत्तर, Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir (९१) अ, क और ग इन तीन बनियों के पास कुछ २ रुपये थे । उस में ने अपने रुपयों के १२ मेर के भाव से चने मोल लेके १० सेर के भाव से बेंच डाले । यों क ने अपने रुपयों की १० सेर के भाव से दाल ले के ८ सेर के भाव से बेंच डाली और ग ने अपने रुपयों के सेर के भाव से चावल ले के ६ सेर के भाव से बेंच डाले । तब अ, क और ग इन तीनों को मिल के २१ रुपये लाभ हुआ। जो वे तीनों पहिले अपने सब रुपये इकट्ठे कर के उन सब के ९ सेर के भाव से गोहूं माल ले के 9 सेर के भाव से बेंच डालते तो तीनों को मिल के २४ रुपये लाभ होता । परंतु पहिले व्यापार से इस व्यापार में क को जितना अधिक धन मिलता उतना हि ग को घाटा होता । तो हर एक बनिये के पास पहिले कितने २ रुपये थे ? उत्तर, पैसे थे । उत्तर, के पास ३५, क के २६ और ग के २१ रुपये थे । (९२) किसी दाता के द्वार पर कुछ पुरुष, स्त्री और लड़के भीख. मांगने के लिये खड़े थे । उन में पुरुषों से स्त्री ४ अधिक थीं और स्त्रियों से लड़के ६ अधिक थे । तब वह दाता घर में से समान पैसों से भरी हुई तीन थैली बाहर ले आया । उन में एक थैली के पैसे सब पुरुषों को समान बांट दिये, दूसरी के सब स्त्रियों को और तीसरी के सब लड़कों को । तब जाना गया कि हर एक लड़के को जितने २ पैसे मिले उन से हर एक स्त्री को एक एक पैसा अधिक मिला और हर एक पुरुष का दो दो पैसे अधिक मिले। तो उन याचकों में पुरुष, स्त्री और लड़के कितने २ थे और प्रत्येक थैली में कितने पैसे थे ? 4 २० पुरुष, २४ स्त्री और ३० लड़के और प्रत्येक थैली में १३० For Private and Personal Use Only

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