Book Title: Bijganit Purvarddh
Author(s): Bapudev Shastri
Publisher: Medical Hall Press

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Page 279
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir २६२ एकघातसमीकरणसम्बन्धि प्रश्न ।। उन में ७ जोड़ के नो योग में उन दो अड्डों के योग का भाग देखो तो लब्धि पाती है। वह संख्या क्या है? __ उत्तर, ३७। (८१) एक मनुष्य को पांच पुत्र थे। उस ने अपने मरण समय में अपना सब धन उन पांचों पुत्रों को इस प्रकार से बांट दिया। उप के जितने सब रुपये थे उन के समान पांच भाग किये तब एक रुपया शेष बचा। वह एक रुपया और एक भाग के रुपये सब बड़े लड़के को दिये तब जो शेष बचा उस के भी समान ५ भाग किये तब भी एकहि रुपया शेष बचा। वह एक रुपया और वह पांचवा भाग यह दूसरे लड़के को दिया और इसी प्रकार से और तीन लड़कों को भी धन दिया । तब अन्त में जो शेष धन बचा उस के भी समान ५ भाग किये तब शेष कुछ नहीं रहा तब उस ने वे पांचों समान भाग पांचों लड़कों को दे दिये । उस में सब से बड़े लड़के को सब से छोटे लड़के की अपेक्षा से ३६६ रुपये अधिक मिले। तब उस मनुष्य के कितने रुपये थे और हर एक लड़के को कितने २ रूपये मिले सो कहो। उत्तर, उस मनुष्य का सब धन ३१२१ रुपये और पांचो लड़कों . कोक्रम से ८२९, ७०४, ६०४, ५२४ और ४६० इतने रुपये मिले। (२) अऔर क ये दो मनुष्य अलग अलग ५००० रुपये लेके व्यापार करने लगे। कुछ दिन में अको उस व्यापार में लाभ हुआ और क को घाटा हुआ। तब अके पास क के बचे हुए धन से दूना धन हो गया। परंतु क को जितना घाटा हुमा इतना नो अको लाभ होता और अको जितना लाभ हुआ इतना क को घाटा होता तो अके पास क के बचे द्रव्य से तिगुना द्रव्य हो जाता । तो अको कितने रूपये लाभ हुआ और क को कितने रुपये घाटा हुआ सो कहो। .. उत्सर, अको ३००० रूपये लाभ हुआ और क को १००० रुपये घाटा सुधार --11T For Private and Personal Use Only

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