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अनेकवर्ण एकघातसमीकरण ।। २य=१७-३२)
र यह इस में (३) +१r=, और य+3 र८इस में
(य१ नर-५ {५=१३ । fय= ४१
+
(५) य + १ = १ और 4-यहां य =३ और र=८ ।
य-२२+१९-२य-४ +२९ ) इय-र+
5 ६य-३+५ । य+५+३ _ स्य-र+१३ ३य+१३+३ ६२-३र+३२)
इस में
। तीसरी रीति । पहिले पत्येक समीकरण में छेदगम, इत्यादि कर्म करके यथासंभव सवर्णन करो । तब दोनों समीकरण के एक ही अव्यक्त के दो वारयोतकों से परस्पर के समीकरण गुण देनो अथवा संभव हो तो अपवर्तित वारदोतकों से परस्पर के समीकरण गुण देओ। तब उन दोनों समीकरणों में उस अव्यक्त के वारद्योतक समान होंगे। फिर उन वारद्योतकों के चिहू जो सजातीय हों तो उन गुणे हुए समीकरणों का अन्तर करो और जो विजातीय हों तो योग करो। इस से एक समीकरण ऐसा उत्पत्र होगा कि जिस में एक ही अव्यक्त होवे तब उक्त विधि से दोनों अध्यक्तों के मान शीघ्र ज्ञात होंगे।
उदा० (१) ३ य+४र३३)
५-६र६८६ इस
- इस में य और र क्या हैं? यहां य के वारयातकों से परस्पर के समीकरणों को गुण देने से, १५ य + २० र १६०) .
यहां समान वारद्योतकों के चिह्न मजा१५ य -१८र =८४ तीय हैं : अन्तर करने से, ३८र= ७६ .. र=२
दूस से (१) उत्थापन करने से, ३ य+c= ३२, ३ य = २४::: य=८| इस प्रकार से इस में य=८ और र= २।
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