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(१)
(२)
(४)
(५)
३ य + ४₹ = ३८
=======
(३) यू+ 8 =० +8 =3
३८-५१-४६
२२=६ - ८३
५ य +
३८
1
३ या य+२₹
अ
(६) क+र
५
य -
=
अनेक
एशधातसमीकरण |
अभ्यास के लिये और उदाहरण ।
+ क य
क
थ =
www
=
+
८३
www.kobatirth.org
इस में य६ और १=५ ।
- क
र
अ + क
इस में य = १३. और र
- ६-३ इस में १२ और १५ ॥
=
य र =
1
क और अथ+ कर = ग इस में अ+य
+2
२ अ
३२
३ और ४८ - ३ २. इस में य = २, र = १ ।
य -
इस में य =
=8
=>
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और र =
इस
१६ और र ११ ।
1 १७.
य
र =
अरे – क + ग
-
२क
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अ + करे
३ अ + क २ + कर
वक्र - प्र.
1
我
1.
८9,
और। इन तीनो प्रक्रमों में जिन उदाहरणों का मक्रिया से गणित करके दिखलाया है वे तीनों रोतिनों में समान हि लिखे हैं । इस का कारण यह है कि किस उदाहरण की समक्रिया किस रीति से शीघ्र बनली है यह सीखनेहारा देखे और अपनी बुद्धि से. बिचारे तब और उस जाति के उदाहरणों में उसी रीति को लगावे 1.
८० । किसी किसी स्थल में एक समीकरण के दो पक्षों का दूसरे समीकरण के दोनो पक्षों में भाग देने से एक समीकरण ऐसा उत्पन्न: होता है कि जिस से अव्यक्तों का मान थोड़ी क्रिया से निकलता है।
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