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अनेकवर्ण एकघालसमीकरण ..अथवा रस भांति के समीकरण को समप्रिया करने की एक सुलभ रोति है सो ऐसी। प्रथम समीकरण के दोनों पक्षों के अंश और छेद को पलट देने से,
यमर, धा, १ +2रसी भांति दूसरे से, 1-2 -३. (३) और (४) दन का योग और अन्तर करने से,
::
र
१०
और य = १५ ।
४ +३७ उदा० (४) ४य = ४२+१ और र+२=
४ (र+) इस में य और र दन का मान क्या है? (१) से, ४ = ४२° + १ (२) से, ४५ = ४२+१२९-२९
: अन्तर करने से ० =-१२२+३०, वा, पर-३० :: र-२३ और उत्थापन से य =६३ ।
चाय+कर-ग उदा० (५)
- २) -
इस में य और र क्या हैं? चय+छर =ज इस में य के वारद्योतक अऔर च इन से परस्पर के समीकरणों को गुगा देने से, अचय + कचर = गच
ग्रार अचय + अकर = अज :: अन्तर करने से (कच - अछ) र गच- अज
...गच-अज अज -गच :. र-कच- छ अछ-क' .
कज-ग और उत्यापन से, य-ज- गड- च ।
काच
गत-कज
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