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अनेक
एकघात समीकरणं ।
अथवार के वारयोतक ४, ६ दो से अपवर्तित करके २, परस्पर के समीकरणों को गुण देने से,
तीय हैं .:. उत्थापन से, र = २|
उदा० (२)
९ य + १२८ = ९६ यहां समान वारयोतकों के चिह्न विजा
१०८ - १२र = ५६
मान क्या है ?
समीकरणों का योग करने से, १९८ = १५२ :.
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उदा० (३)
५ ८ + ३८-२ = १६
५८२ र
..
(१) से, (२) से, स्पर के समीकरणों को गुण देने से,
अन्तर करने से,
इस में छेदगम और यथासंभव सवर्णन करके
३८ - १६ = १
-
३८य - २र = ११२
१९८ - १०र = ४०
घर य+र
घर
= ६
अन्तर करने से,
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३८- २ = ११२
३८य - २०र = ९४
१०₹ = १८
र = १ और उत्थापन से य ३ ।
?
= 30
(र - ६) य = ६र
(३० – र) य = ३० र
-
इस में य और र क्या है ?
य
यहां (१) से (२) से, गुणदेने से, (३० - र) (र- ६ ) य = ६र (३० - र)
(३० - र) (र - ६) य = ३०र (र-६)
० = ६र (३० - ₹) – ३०र (₹ - ६)
इस में य और र का
इस में य के वारद्योतक ३८, १९ अपवर्तित करके २, १ दून से पर
|
२२६
इस से
य = ८
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इस में य के वारयातकों से परस्पर के समीकरणों को
३०र (र -६) = ६ र (३० - २), वा ५ (१-६) = ३० १ ₹ = १० और उत्थापन से य = १५ ।
समक्रिया से