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অলঙ্ক ঘানমীক্ষায়। वा, ३र३० ::र- १० और य= १५ । अय+करग
है इस में य और र क्या है? ) ...
उदा० (8) चय+कर-ज)
गक-रा अछ-कच
(१) से, य=गका (२) में उत्थापन से, चxग-कर+छर =न पृथक्करण मे, र= अज-गच तब य F ग्रछ-कच
दस में अ, क, ग, च, छ और ज ये व्यक्त हैं । अब इन में जो प्रत्येक अ, क और च =१ और छ == --१ मानो तो उत्थापन से,य=
गछ-कज _-ग - =-पं प
= ग+इज और र= अज - गच्च = ज-ग - गज =ग-ज और जो छ = अ, चक और जग मानो तो निर्दिष्ट समो.
कर = ग. सभांति के होंगे।
का
-ग -कन
॥
करया
कय+रग।
और
य= गछ-कज = अग-का=ग
ऋछ-कब
अ+
क
र-अछ-कच
% 3D
अ-कर
न
+
क
: इस में य-र-म ।
और इस में जो अ=-क मानो तो य-र= == » इस प्रकार से य और र ये दोनो अनन्त होंगे। इसी भांति उत्थापन से य, र के मान अनेक प्रकार के निकलेंगे ।
अभ्यास के लिये और उदाहरण ।
य+३ र
र
१५)
(१) २य-र-२
रस में
=३ और र-४।
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