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उदा० (४) ११ य
कोष्ठ को उड़ा देने से,
एक
एकघातसमीकरण ।
(३७) वे प्रक्रम के (१) अनुमान से, ३य ह य =
..
अथवा पहिले हि भाग देने से, ३ य =
==
।
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-
अथवा य =
उदा० (9) कय
= १०८
१०८ १२
पक्षान्तरनयन से,
भाग देने से,
-
उदा० (५) ५ (६- ३ ) – ५१ = ५९ – २ ( १०- २), इस में य का मान क्या है ?
(१३) -घ) = ६५, दस में य का मान क्या है ? ११ य- १३ + य = ६५
१२य = ६५ + १३
य =
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= ई ।
यहां कोष्ठ के आदि में जो पद है उस से भीतर के पदों को गुण देने से, (५८ - १५) – ५१ = ५०- (३४ - ४ यं)
-
कोष्ठ को उड़ा देने से, ५८ - १५ - ५१ = ५० - ३४ + ४ घं पक्षान्तरनयन से, ५ य- ४ य = ५८ - ३४+१५+५१
य : १२५ - ३४ = १ ।
उ० (६) ०८ - ११ (२६ + ७ ) == ९६ - ५ (३८ - १७), इस में य का मान क्या है?
यहां ०८ - (२२ + ७७) = c यं - (१५ यं ८५)
.. १८ - २२य - ०७ = रथ - १५ य + ८५ पक्षान्तरनयन से, ०य - २२य - य
-
ध् + १५य = ८५ + ०७
૧૬૨
- ९८ = १६२ और लय =
१६२ : य =
१६३ -<
=- १८ ।
= ग - घय, इस में य का मान क्या है ?
कय + धय =अ+ग
.. ( क + घ) य = अ + ग, और य =
१४
群
क +घ
૧૦૩
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१८ ।