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(३५) यह सिद्ध करो कि
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६ भिन्नपदों की घातक्रिया |
६७ । रीति । उद्दिष्ट पद के अंश का वर्गादि घात करे। वही अभीष्ट घात का अंश है और छेद का वर्गादि घात करो वही अभीष्ट घात का छेद है ।
इस की उपपत्ति भित्रगुणन की क्रिया से प्रति स्पष्ट है ।
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