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भिवपदों की मूलक्रिया।
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इत्यादि।
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०भिन्नपदों की मूलक्रिया ।
हट। रीति । उद्दिष्ट पद के अंश का वर्गादिमूल लेना वह मल अभीष्टमूल का अंश है और छेद का धादिमल ले वह अभीष्टमल का वेद है।
यह रीति घातक्रिया की रीति से उलटी है इस से दस की उपपत्ति अति स्पष्ट है।
२५ प र इस का धर्गमूल क्या है?
उदा०(१)
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