________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
भित्रपदों की घातक्रिया।
१५५
२
वर्ग
= --य+
क -य-य--य+
.
.
-
-
(अय+अकय-कर अथवा
अक अश्य +२ अकय - अकरयर-२ अकय+क'
अकर
(प्रय+अकय-कर) ३
और र-य + य -
र-गर
प्रक
___ अय+३ अकय-५ अकाय + ३ अकश्य-क
अकरे अ . ३ अरे
.... ३कर करे = य+ य - ५ य+ य-जोऊपर वर्ग और घन सिद्ध हुए थे वैसे ही ये भी हुए।
अभ्यास के लिये और उदाहरण । श्या २४ यर । श्य) ३ सय
For Private and Personal Use Only