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भिवसम्बन्धि प्रकीर्णक।
१००
पफबा
र
पाफ
ब
पफब
प
फ
पब फब
(१०) (क) =अक और (अकब= अबका।
७३ । इस में कुछ उपयोगि गणित प्रकार दिखलाते हैं जो साधारण रोति से उत्पन्न होते हैं।
य
+
,
-यर+पर+T.
(१) य-इ-१,यं-+-य+र.यै- = य+पर+r', इत्यादि ।
तो इस से यह जान पडता है कि य-र" यह य- दस से निःशेष होगा नो म संख्या धनात्मक और अभिन्न हो । अर्थात य-1-4-'+म-r+A + इत्या० + यस-+F(२) जब कि यF-१,
"
य
म -1 रय र+इत्या०+यर
+
T
+
+र
य य
य
-र
+
य+र'
मे
यर - घर +र,
२-या
+
र,
२
य+1
य-यर + यर-1+२
यिकर
य+र यकर
य
- य
+यर-यर+र",
+ ई = य-यर + यररयर+यर'-'+चर
HAR
87+य
- य
या -12
इत्यादि।
१३
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