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freeम्बन्धि प्रकीर्णक
保成建
बिगाड़ के उन के छेद वा छेदों को उड़ा देते हैं उस क्रिया को छेदगम कहते हैं उस का प्रकार यह है ।
उद्दिष्ट दो पक्षों में जो भित्रपद होगा उस के छेद से वा अनेक भित्रपद हों तो उन के छेत्रों के गुणनफल या लघुतमापवर्त्य से उन दोनों पक्षों को गुण देओ । इस से सब छेद उड़ जाते हैं ।
इस छेदगम से पक्षों का साम्य वा वैषम्य नहीं पलटता । इस की उपपत्ति दूसरी और पांचवी प्रत्यक्ष बात से स्पष्ट है ।
उदा० (१) य + यू. + यू – – ३ य
--
उदा० (२)
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= ३ + १० यहां छेदगम करो ।
इस में छेदों का लघुतमापवर्त्य १२ है इस से दोनों उद्दिष्ट पत्तों को गुण देने से, १२८ + १३८–१२८ ३६ य
+ 92°,
इस में प्रत्येक भित्रपद को लघुतम रूप देने से,
१२८ + ६य - ४यय + १२०, सब छेद उड गये ।
व य+
+ य + ३, य + ३ = ५ - ४ - इस में छेदों को उड़ा देओ ।
४
यहां पक्षों को
२४ से गुण देने से,
४य + ६ + १८ = १२० – १२८ + २१ ।
यहां जो भित्रपद ऋण चिह्न से जुड़ा हुआ है उस के अंश के सब पदों का चिह्न पलट दिया है क्यों कि उस अंश को घटा देना है ।
अथवा यदि उद्दिष्ट पत्तों को इस रूप में लिखो
य+ठे (य + ३ = ५ - ६ (४ य - 9)
क्षेत्रओ
और फिर इन को २४ से गुण
४य + ६ (य + ३) = १२० - ३ (४ य - ७) अर्थात, ४य + (६ य +१८) - १२० - (१२८ - २१)
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