________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
५१२ अक
t2 xar
उदा० (२)
(
२ + य
ग्र+य
+ य
+य) २
x
ऋ
१५ २
૧૬
१.१
भिवादों का भागहौर |
१० क
३ र
१५
१६
÷
+
३ प्र २ १५
ईक ૧૬
य.
www.kobatirth.org
य
+ य
४१
७२ क
+
४१
७२ क
१० .
१८ क
+
अ
क
अ + य
(अ + य)
उदा० (३)
भाग देना ।
यहां (३१) वे प्रक्रम के तीसरे प्रकार में जो भागहार का विधि लिखा है उस से भजनफल के लिये न्यास |
1
३ क
इस में
२
"क"
१३५ क + क ९६ २० नाक
१४४ क
०२
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
X
३
-
For Private and Personal Use Only
यह भाव्य और
+
श्र+य
१६.
SA
कर
अथवा पहिले भ्राज्य और भाजक को सवर्णित करने से,
१३५ क + ८२ क- ९६
२७ क
१४४ कर
भाजक है । अब भाग देने से,
- य.
क.
1.
क
-
१२ क
१४५
दूस का
૧૬
यह