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न्यास, २य े + य - १५ ) ६ य े +
महत्तमापवर्तन |
यहां अन्त का भ
का महत्तमापवर्तन
•
६३ + ३२ - ४५ य
- २०१ +
- २८२ -
फिर, २- ५) २ + य १५ ( ८ + ३
श्य२-५ य
६ य - १५
६य - १५
य े - ४४ य् + १० (३८ - १
२- ५ यह है, इस लिये यह उद्दिष्ट पदों
-
उदा० (२) ३+कर+करे और + ३ क + ३ कर + २ करें इन का महत्तमापवर्तन क्या है ?
न्यास, अ* + अ ेक - अक + २क) + ३
अ +
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अ + २क) * + अक
+ क
क
क + २ क
२य - ५
चकर
य + १०
य + १५
क + ३
क -
२
क + ४ कर
'अब यह शेष भाजक होगा पर यह २ ग्रक मे निःशेष होता है और २शेष रूप भाजक के भाज्य से भी दृढ़ है इस लिये शेष में २ क का भाग' देने से ।
क + २ कर
चाक + २करे
अकर + २ करे - क + कर
(
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क + २ (१
क + २ करे