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लघुतमापवर्त्य
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निःशेष होगा। इसी भांति तब यह य से निःशेष होता है औरत और थ परस्पर दृढ हैं इस लिये प भी थ से निःशेष होगा ।
.. अक्र लभ .:.
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अब, प और थ इन दोनों में हर एक दूसरे से निःशेष होता है इस से स्पष्ट है कि प और थ ये दोनों परस्पर समान हैं अर्थात् प थ इस लिये क = अपम, और ल
थम, वा क = पम वा चक्र
= अप
प्रक
भ
== ल ।
अनुमान १ । जो दो पद परस्पर दृढ हैं उन का गुणनफल उन दो पदों का लघुतमापवर्त्य है ।
==
अनुमान २ | दो पदों का महत्तमापवर्तन और लघुतमापवर्त्य इन दोनों का गुणनफल उन दो पदों के गुणनफल के समान होता है ।
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उदा० (१) २ य और ३ कर इन का लघुतमापवर्त्य क्या है ? यहां २ अय और ३कर ये परस्पर दृढ हैं इस लिये इन का महत्तमापवर्तन १ है,
: लघुतमापवर्त्य
=
२० x ३ कर
१
उदा० (२) ४ अय और ५ अथ इन का लघुतमापवर्त्य क्या है ? यहां उद्दिष्ट पदों का महत्तमापवर्तन अथ है ।
. लघुतमापवर्त्य
उदा० (३) य े–र' और यह इन का लघुतमापवर्त्य क्या है ?
यहां य े र े = (य+र) (य-- र) और
-
४ २ ४५ प्रय
अय
६ प्रकयर ।
२०. अ२८२ ।
य३ – ३ = ( + यर + र े) (य-र) 1
इस लिये उद्दिष्ट पत्रों का महत्तमापवर्तन यहै,
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