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भिवपदों का रूपमेद
(य -ल-वर)२ (२०) यर+ लव--
४(यर+ लव) __ (य+र+ल-व) (य+र+a-ल) (य+ +
४ (यर + लव)
-)(+ल+ब-य)
- ६३। भिवपद को मिश्रपद का रूप देने की प्रकार ।
भिन्नपद को मिश्रपंव का रूप देने के लिये केवल भिनपद के अंश में उस के छेद का भाग देओ जो लब्धि पावेगी बह अभीष्ट रूप है।
१५ अय उदा० (१) इस को मिश्रपद का रूप देओ।
१५ अयाय न्यास । -- = अय+ यह मिश्रपद है।
५य-३यर - १२२ उदा० (२) -
- इस को मिश्रपद का रूप देओ ।
५य+
र
न्यास । ५ य+२२)५३२-३ यर - १२२ (य-t
५५+२यर
-५यर - १२१ -५ यर - २
-१० र
..य-र-
यह मिश्रपद है। +३१
५
(अ-क+ग) य उदा० (३) ----------- इस को मिश्रपद का रूप देओ।
(प्र-क+ग)य (क-ग) य न्यास । ---
अ = य- - यह मिश्रपद है।
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