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६।५।५१ पंक्ति के वारादि में से २।२३।२२ इष्टकाल के वारादि को घटाया तो ३।४२।२९ ऋण चालन आया । सूर्यसाधन चालन ) सूर्यगति
५८।१२ १७४।३६-तीन के अंक का गुणनफल २४३६।५०४ ब्यालीस के अंक का गुणनफल
१६८२॥३४८ उन्तीस के अंक का गुणनफल १७४।२४७२।२१८६।३४८६०
(६० से भाग देकर लब्धि ५, शेष ४८ आगे की राशियों में जोड़ा) १७४।२४७२।२१९१६० लब्ध ३६, शेष ३१ १७४।२५०८:६०॥३१॥४८ लब्ध ३१, शेष ४८ २१५६०१४८।३११४८
३ १३५१४८"।३१॥४८॥ प्रक्रिया यह है कि गुणा करते समय एक-एक अंक दाहिनी ओर बढ़ाकर रखते जायेंगे और सब कलादि को जोड़ देंगे। फिर सब अंकों में ६० का भाग देते हुए लब्धि को बायीं ओर की संख्या में जोड़ने से अंशादि फल होगा।
०।१३।४३।२२ पंक्ति के सूर्य में से ____३॥३५॥४७ आगतफल को घटाया ऋण चालन होने से फल को ०।१०। ७।३४ स्पष्ट सूर्य हुआ
घटाया है। मंगलसाधन चालन | ३४।२८ मंगल गति
| १०२।८४ .४२
१४२८।११७६ २९
९८६।८१२ १०२।१५१२।२१६२१८१२:६०
लब्ध १३, शेष ३२ १०२।१५१२।२१७५ : ६०॥३२
लब्ध ३६, शेष १५
द्वितीयाध्याय
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