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वर्ण जानने की विधि .. मीन, वृश्चिक और कर्क ये राशियाँ ब्राह्मण वर्ण हैं । मेष, सिंह और धनु ये राशियाँ क्षत्रिय वर्ण हैं । मिथुन, तुला और कुम्भ ये राशियाँ शूद्र वर्ण हैं । कन्या, वृष और मकर ये राशियाँ वैश्य वर्ण हैं । इस वर्ण-विचार में श्रेष्ठ वर्ण की कन्या त्याज्य होती है ।
वर्ण ज्ञात करने का चक्र वर्ण ब्राह्मण, क्षत्रिय - वैश्य | शूद्र राशि १२।८।४ । १।५।९ । ६।२।१० । ३७।११
वर्ण गुण बोधक चक्र
__वर का वर्ण वर्ण ब्रा. क्ष.
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कन्या का वर्ण
ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य
पहले वर और कन्या की राशि मालूम करके वर्ण का ज्ञान करना चाहिए। पश्चात् इस चक्र के अनुसार वर्ण का गुण ज्ञात करना चाहिए ।
उदाहरण-इन्दुमती और चन्द्रवंश का वर्ण गुण ज्ञात करना हो तो इन्दुमती की वृष राशि हुई तथा इसका वैश्य वर्ण हुआ और चन्द्रवंश की मीन राशि तथा ब्राह्मण वर्ण हुआ । मिलान किया. तो एक गुण आया । वश्य विचार - आधी मकर, मेष, सिंह, वृष और आधी धनु ये राशियां चतुष्पद संज्ञक हैं । वृश्चिक की सर्प संज्ञा है। तुला, मिथुन, कन्या और धनु का पहला भाग ये राशियाँ द्विपद संज्ञक हैं। कर्क राशि कीट संज्ञक है। मकर का उत्तरार्द्ध भाग कुम्भ और मीन ये राशियाँ जलचर संज्ञक हैं।
वश्य बोधक चक्र मकर का पूर्वार्द्ध, मेष, सिंह, धनु का उत्तरार्द्ध, वृष, चतुष्पद कर्क
कीट वृश्चिक तुला, मिथुन, कन्या, धन का पूर्वार्द्ध
द्विपद मकर का उत्तरार्द्ध, कुम्भ, मीन
जलचर
सर्प
पंचम अध्याय
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