Book Title: Bharatiya Jyotish
Author(s): Nemichandra Shastri
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 513
________________ में रहती है। चोरी करनेवाली नारी होती है तथा इसका नाम सकार से आरम्भ होता है और नाम में कुल चार वर्ण पाये जाते हैं। मंगल का नवांश रहने पर चोरी करनेवाली युवती होती है और बुध के नवांश में चोरी किसी कन्या के द्वारा की जाती है। शुक्र के नवांश में चोरी करनेवाले की आयु ७-८ वर्ष की होती है तथा यह चोरी किसी ब्राह्मण या अन्त्यज के बालक द्वारा ही की जाती है । धनु लग्न के होने पर गुरु त्रिकोण या केन्द्र में स्थित हो तो चोरी की गयी वस्तु उपलब्ध नहीं होती। यह चोरी किसी आत्मीय द्वारा ही की गयी होती है। शनि का नवांश प्रश्नकाल में रहने से चोरी पुरुष और नारी दोनों के द्वारा मिलकर की जाती है। पुरुष का नाम 'ह' या 'र' अक्षर से आरम्भ होता है और नारी का स से । धनु लग्न में साधारणतः चोरी गयी वस्तु मिलती नहीं । यदि प्रश्नकाल में धनु लग्न के अन्तिम छह अंश शेष रह गये हों तो प्रयास करने से चोरी में गयी वस्तु मिलती है । प्रश्नकाल में मकर लग्न हो तो चोरी की वस्तु उत्तर दिशा में समझनी चाहिए। चोरी करनेवाला वैश्य जाति का व्यक्ति होता है। नाम का आदि अक्षर स और चार वर्गों का नाम होता है। मकर लग्न में शनि का ही नवांश हो तो चोरी की वस्तु उपलब्ध नहीं होती है । गुरु के नवांश के रहने से किसी धर्मस्थान, मन्दिर, कूप या अन्य किसी तीर्थस्थान में वस्तु को समझना चाहिए । प्रश्नकाल में कुम्भ लग्न के होने पर चोरी गयी वस्तु उत्तर या उत्तर-पश्चिम के कोने में रहती है। इस प्रश्न लग्न के अनुसार चोरी करनेवाला कोई व्यक्ति नहीं होता; बल्कि मूषकों ( चूहों ) के द्वारा ही वस्तु इधर-उधर कर दी जाती है। इसकी प्राप्ति एक महीने के भीतर हो सकती है। प्रश्नकाल में बुध का नवांश हो तो चक्की या चारपाई के पीछे वस्तु की स्थिति समझनी चाहिए। शुक्र और चन्द्रमा के नवांश में चोरी की वस्तु की स्थिति शयनकक्ष में या शयनकक्ष के बग़लवाले कमरे में समझनी चाहिए। ___ मीन लग्न में वस्तु की चोरी हुई हो अथवा प्रश्नकाल में मीन लग्न हो तो ईशानकोण में वस्तु की स्थिति रहती है। चोरी करनेवाला शूद्र या अन्त्यज होता है और चुराकर वस्तु को जमीन के नीचे रख देता है। इसका नाम 'व' अक्षर से आरम्भ होना चाहिए और नाम में तीन अक्षर रहते हैं। मीन लग्न में तृतीय नवांश के होने पर चोर स्त्री भी होती है। यह घर का कार्य करनेवाली नौकरानी या अन्य कोई परिचित महिला ही रहती है। वर्गानुसार चोर और चोरी की वस्तु का विचार प्रश्नकाल में फल, पुष्प, देव, नदी, तीर्थ एवं पर्वत का नामोच्चारण कराके प्रश्नाक्षर ग्रहण करने चाहिए। प्रातःकाल में आवे तो पुष्प का नाम; मध्याह्न में फल का नाम; अपराह्न में दिन के तीसरे पहर में देवता का नाम और सायंकाल में नदी १९२ भारतीय ज्योतिष Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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