Book Title: Bharatiya Jyotish
Author(s): Nemichandra Shastri
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 512
________________ मिथुन लग्न में चोरी गयी वस्तु अथवा प्रश्नकाल में मिथुन लग्न के होने से चोरी की वस्तु आग्नेयकोण में रहती है। चोरी करनेवाला व्यक्ति वैश्य वर्ण का होता है और उसका नाम ककार से आरम्भ होता है । नाम में तीन वर्ण होते हैं। कर्क लग्न में वस्तु के चोरी जाने पर अथवा प्रश्नकाल में कर्क लग्न के होने पर चोरी की वस्तु दक्षिण दिशा में मिलती है और चोरी करनेवाला शूद्र या अन्त्यज होता है । इसका नाम तकार से आरम्भ होता है और नाम में तीन वर्ण होते हैं । प्रश्नकाल या चोरी के समय में सिंह लग्न के होने पर चोरी की वस्तु नैऋत्य कोण में पायी जाती है। चोरी करनेवाला सेवक ( नौकर ) होता है और यह अन्त्यज या अन्य किसी निम्नश्रेणी की जाति का रहता है। चोर का नाम नकार से आरम्भ होता है तथा नाम तीन या चार वर्षों का रहता है । प्रश्नकाल या चोरी के समय में कन्या लग्न हो तो चोरी गयी वस्तु पश्चिम दिशा में समझनी चाहिए। चोरी करनेवाला कोई पुरुष नहीं होता, बल्कि चोरी करनेवाली कोई नारी होती है। इसका नाम मकार से आरम्भ होता है और नाम में कई वर्ण पाये जाते हैं। कन्या लग्न में बुध और चन्द्रमा का नवांश हो तो ब्राह्मणी चोर होती हैं और मंगल का नवांश होने पर क्षत्रियाणी चोर होती है। शुक्र का नवांश होने पर वैश्य जाति की स्त्री चोर और शनि-रवि का नवांश होने पर शूद्रा या अन्य अन्त्यज जाति की स्त्री चोरी करती है। तुला लग्न होने पर चोरी गयी वस्तु पश्चिम दिशा में समझनी चाहिए। चोरी करनेवाला पुत्र, मित्र, भाई या अन्य कोई सम्बन्धी ही होता है। इसका नाम भी मकार से आरम्भ रहता है और नाम में तीन वर्ण होते हैं । तुला लग्न में गुरु, चन्द्र और बुध का नवांश हो तो चोरी करनेवाला परिवार का ही व्यक्ति होता है । मंगल और रवि के नवांश में दूर का सम्बन्धी चोरी करता है तथा शनि के नवांश में आया हुआ अतिथि या अन्य परिचित व्यक्ति-जिससे केवल जान-पहचान का ही सम्बन्ध होता है, चोरी करता है । तुला लग्न में चोरी गयी हुई वस्तु बड़ी कठिनाई से प्राप्त होती है। वृश्चिक लग्न होने पर चोरी गयी हुई वस्तु पश्चिम दिशा में समझनी चाहिए । इस प्रश्नलग्न के होने पर चोरी की वस्तु घर से सौ-डेढ़ सौ गज की दूरी पर ही रहती है। चोर घर का नौकर ही होता है और इसका नाम सकार से आरम्भ रहता है। नाम चार अक्षरों का होता है। इस लग्न का नवांश यदि गुरु या शुक्र का हो तो चोरी की वस्तु मिल जाती है तथा चोरी करनेवाला किसी उत्तम वर्ण का होता है। बुध के नवांश के होने पर चोरी करनेवाला कोई पड़ोसी भी हो सकता है तथा यह पड़ोसी गौरवर्ण का होता है और इसका कद ५ फ़ीट ६ इंच का रहता है। देखने में भव्य और बातूनी होता है। प्रश्नकाल में धनु लग्न हो या धनु का नवांश हो तो चोरी गयी वस्तु वायुकोण पंचम भध्याय Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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